कुछ ख्वाब नये जुड़े है
कुछ ख्वाब अधूरे सड़े है ।
कुछ बदलाव किया है खुद मैं
कुछ बदलाव मजबूरी है ।
कुछ हो या ना हो गम नहीं
कुछ का होना बहुत जरूरी है ।
कुछ चले है अकेले इस सफर में
कुछ काफिले बनाकर चलते है ।
कुछ आज भी गमगीन है
कुछ भविष्य बनाने में लीन है ।
कुछ अतीत को रो रहे है
कुछ ख्वाब अधूरे सड़े है ।
कुछ बदलाव किया है खुद मैं
कुछ बदलाव मजबूरी है ।
कुछ हो या ना हो गम नहीं
कुछ का होना बहुत जरूरी है ।
कुछ चले है अकेले इस सफर में
कुछ काफिले बनाकर चलते है ।
कुछ आज भी गमगीन है
कुछ भविष्य बनाने में लीन है ।
कुछ अतीत को रो रहे है
कुछ उड़ा के धुंआ सो रहे है ।
कुछ गलत समझ रहे है मुझे
कुछ गलत समझ रहे है मुझे
कुछ अनुकरण योग्य है बुझे ।
कुछ पा लेंगे इस वर्ष हम
कुछ पाने की तमन्ना अगले वर्ष है ।।